बचाएं अपने आप को और अपने परिवार को जहन्नम आग से ।
ऐ ईमान लानेवालो! अपने आपको और अपने घरवालों को उस आग से बचाओ जिसका ईंधन मनुष्य और पत्थर होंगे, जिसपर कठोर स्वभाव के ऐसे बलशाली फ़रिश्ते नियुक्त होंगे जो अल्लाह की अवज्ञा उसमें नहीं करेंगे जो आदेश भी वह उन्हें देगा, और वे वही करेंगे जिसका उन्हें आदेश दिया जाएगा। [कुरान ६६: ६]
सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हलाल की कमाई और परिवार के लिए हलाल खिलाना है। यदि आप असफल होते हैं तो हाँ आख़िरत के बारे में सोचें "इसके बाद" हलाल कमाएँ, हलाल खाएँ और हलाल खिलाएँ
जब मैं इस मामले और मुद्दों को गहराई से देखता हूं और गहराई मे जाता हूं, तो यह अधिक स्पष्ट होता जा रहा है और मेरे लिए स्पष्ट है कि हराम समस्याओं का एक प्रमुख कारण है, हमारे दुआ का जवाब नहीं है और हमें सभी प्रकार की समस्याएं हैं। क्योंकि समाज ने हराम को हराम मानना बंद कर दिया, वे जीवन का हिस्सा बन गए।
आज जो हम लोग परेशांन है , मुसीबत पे मुसीबत आ रही है , इसकी बूनयादि वजह हमारी ज़िन्दगी में हराम का इस्तेमाल है।
हराम (निषिद्ध) हमारे जीवन में प्रवेश करता है
1. रिबा - सूद - आधुनिक बैंक ब्याज समस्या पैदा करने वाले सबसे बड़े हराम में से एक है।
रिबा सूद से निपटने के लिए सजा (ब्याज और बकाया)
और जो लोग ब्याज खाते हैं, वे बस इस प्रकार उठते हैं जिस प्रकार वह व्यक्ति उठता है, जिसे शैतान ने छूकर बावला कर दिया हो और यह इसलिए कि उनका कहना है, "व्यापार भी तो ब्याज के सदृश है," जबकि अल्लाह ने व्यापार को वैध और ब्याज को अवैध ठहराया है। अतः जिसको उसके रब की ओर से नसीहत पहुँची और वह बाज़ आ गया, तो जो कुछ पहले ले चुका वह उसी का रहा और मामला उसका अल्लाह के हवाले है। और जिसने फिर यही कर्म किया तो ऐसे ही लोग आग (जहन्नम) में पड़नेवाले हैं। उसमें वे सदैव रहेंगे।(275)
इब्न माजाह ने दर्ज किया कि अबू हुरैरा ने कहा कि अल्लाह के रसूल ने कहा, (रिबा सत्तर प्रकार के हैं, जिनमें से सबसे कम अपनी मां के साथ संभोग करने के बराबर है।)
दो साहिह ने दर्ज किया कि अल्लाह के रसूल ने कहा, अली और इब्न मसउद ने कहा कि अल्लाह के रसूल ने कहा, (अल्लाह ने शाप दिया कि जो कोई रिबा को खाएगा, जो रिबा को अदा करेगा, जो दो उसके गवाह हैं, और मुंशी जो इसे रिकॉर्ड करते हैं।)
2. अल्लाह सूद ब्याज आशीर्वाद नहीं देता
खुदा सूद को मिटाता है और ख़ैरात को बढ़ाता है और जितने नाशुक्रे गुनाहगार हैं खुदा उन्हें दोस्त नहीं रखता (कुरान 2:276)
निस्संदेह जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए और नमाज़ क़ायम की और ज़कात दी, उनके लिए उनका बदला उनके रब के पास है, और उन्हें न कोई भय होगा और न वे शोकाकुल होंगे। (277)
फिर यदि तुमने ऐसा न किया तो अल्लाह और उसके रसूल से युद्ध के लिए ख़बरदार हो जाओ। और यदि तौबा कर लो तो अपना मूलधन लेने का तुम्हें अधिकार है। न तुम अन्याय करो और न तुम्हारे साथ अन्याय किया जाए। (279)
अल्लाह कहता है कि वह सूद/ब्याज को नष्ट कर देता है, या तो इस पैसे को उन लोगों से हटा देता है जो इसे खाते हैं, या उन्हें आशीर्वाद से वंचित करते हैं, और इस प्रकार उनके धन का लाभ होता है। उनके सूद/ब्याज के कारण, अल्लाह उन्हें इस जीवन में पीड़ा देगा और क़यामत के दिन उन्हें इसके लिए दंडित करेगा।
अबू हुरैरा (रज़ियल्लाहु तआला अन्हु) से रिवायत है , हदीस क़ुद्सी है के, अल्लाह के रसूल सल्ललाहो अलैहि वस्सलाम ने कहा: “अल्लाह अच्छा है और केवल वही स्वीकार करता है जो अच्छा है।
अल्लाह ने आस्थावान को वह करने की आज्ञा दी है जो उसने रसूलों को दिया था, और सर्वशक्तिमान ने कहा है "और मेरा आम हुक्म था कि ऐ (मेरे पैग़म्बर) पाक व पाकीज़ा चीज़ें खाओ और अच्छे अच्छे काम करो (क्योंकि) तुम जो कुछ करते हो मैं उससे बख़ूबी वाकि़फ हूँ" (कुरान 23:51)
और अल्लाह सर्वशक्तिमान ने कहा है: "ऐ ईमानदारों जो कुछ हम ने तुम्हें दिया है उस में से सुथरी चीज़ें (षौक़ से) खाओं और अगर ख़ुदा ही की इबादत करते हो तो उसी का शुक्र करो" (कुरान 2:172)
तब उन्होंने उल्लेख किया [एक आदमी का] जो दूर की यात्रा कर रहा है, वह निराश और धूल में डूबा हुआ है और जो आकाश में हाथ फैलाता है [कह रहा है]: हे प्रभु! हे प्रभु! उसका भोजन अवैध है, उसका पेय गैरकानूनी है, उसके कपड़े गैरकानूनी हैं, और वह गैरकानूनी रूप से पोषित है, इसलिए उसका उत्तर कैसे दिया जा सकता है!" (मुस्लिम)
एक शक्स जो बहोत दूर का सफर करके आया हो, जिसके कपडे सफर के वजह से गर्दालु हो गए हो , बहोत थका हुआ हो , और अल्लाह को पुकार रहा है ,ये अल्लाह , ये अल्लाह , मगर उसकी पुकार कैसी सुनी जाती जबकि उसका खाना हराम , उसका पहनना हराम उसकी सवारी हराम।